ट्रेक-
२८३
२८९
है। स्वयंको जो नहीं जानता है, वह कुछ यथार्थ नहीं जानता। उसे भेदज्ञान कैसे हो? उसकी स्वानुभूति कैसे हो? आत्माको पहचानना वही जीवनमें करना है।
.. भगवानके द्रव्य-गुण-पर्याय जाने, वह अपना जाने। जो अपना जाने वह भगवानके जाने।
मुमुक्षुः- एकको जाने। समाधानः- एकको जाने वह सर्वको जाने। मुमुक्षुः- .. समाधानः- हाँ।
प्रशममूर्ति भगवती मातनो जय हो! माताजीनी अमृत वाणीनो जय हो!