अमृत वाणी (भाग-२)
२८४ हो, उस तरहसे शिष्य नहीं। उनके लाखों भक्त हैं। ४५-४५ साल तक वाणी बरसायी। बहुत जीव तैयार हो गये हैं। हर गाँवमें मुमुक्षु मण्डल चता है। सब गाँवमें वांचन चलता है, हर जगह। यहाँ भी वांचन चलता है।
मुमुक्षुः- उनके बाद पदवी लेनेवाला कोई...? समाधानः- ऐसी कोई पदवी आदि नहीं। मुमुक्षुः- ऐसा जीव ऊँचा है न। समाधानः- मार्ग दिखाकर गये, वाणी बरसाकर गये। शिष्य है, ऐसा कुछ उन्होंने रखा नहीं।
प्रशममूर्ति भगवती मातनो जय हो! माताजीनी अमृत वाणीनो जय हो!
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