ट्रेक-
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करवाईये। फिर ठीक करवाया और कहा, हमें यही मुद्रा पसन्द आती है।
.. हर वक्त पण्डितको पूछते थे। .. थोडा गंभीर लगे ऐसा करवाया। परन्तु भगवान प्रसन्न हो ऐसा दिखाव लगता है।
प्रशममूर्ति भगवती मातनो जय हो! माताजीनी अमृत वाणीनो जय हो!
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