३०८ आये हैं, प्रतिमाजी लेने आये हैं। भगवानके प्रति उत्साहसे भक्ति आनी भी मुश्किल थी। कितने समय तो टीका की।
.. बहुत भाव आये। शास्त्रमें आये कि अष्ट द्रव्य पूजा कराये। जल, चन्दन, अक्षत, पुष्प, फल, फूल सब आता है। पहले शुरूआतसे ऐसे ही चला आ रहा है।
मुमुक्षुः- प्रतिमाजी कुदरती बहुत सुन्दर आये हैं।
समाधानः- बस, वह तैयारी ही थी दुकानमें। दुकानमें बहुत तैयार रखते हैं। छोटे-बडे। यह तैयार था तो बडे भगवान, सीमंधर भगवान अच्छे हैं। शांतिनाथ और पद्मप्रभु बाजुमें है। वैसे वहाँ लंछन करवाकर ले लिये। फिर उसे ले जानेका ओर्डर नहीं मिलता था, तो उसके ओर्डरके लिये रुके। फिर आते समय उसे रोकते थे कि चालू गाडीमें नहीं आये। फिर हम वहाँ रुक जाते थे। उन दिनोंमें रेलका बहुत अच्छा था तो भगवान साथ-साथ आये।
मुमुक्षुः- गुरुदेवको स्वप्नमें...
समाधानः- गुरुदेवको उमंग था न। रेलगाडी चली आती थी। गुरुदेवने कहा, मुझे तीन दिपक दिखते हैं। तीन भगवान आ रहे हैं ऐसा लगता है। एक जगह कहे, भगवानके बक्से थे.. कहाँ? महेसाणा। महेसाणामें ट्रेन बदलनी पडी। भगवानके बक्से आये, यहाँसे नहीं चढेंगे। गाडी बदलनी पडेगी, इसमें नहीं चढेंगे। हम चले जायें और भगवान यहाँ रहे। फिर विचार किया, कुछ नहीं, बक्से यहाँ रहेंगे तो हम भी रुक जायेंगे। लेकिन थोडी देर बाद कहा, भगवान चढ जायेंगे। रोका था सही। वहाँ भगवानको उतारे, हमने देखा। फिर उसके पीछे-पीछे कहा, सँभलकर ले जाना। ऐसे उसके पीछे- पीछे घुमते थे। पहली बार था इसलिये।
भगवानको आने दिया। उसमें एक ... जोड दिया होगा। परन्तु उस प्रकारसे भगवानको आने दिया। बेचरभाई बैलगाडीमें बैठे। भगवानको देखकर उनको इतना उत्साह आ गया। बैलगाडीमें स्वयं बैठे और भगवानको ले आये। भावनगर राजाका हाथी आया था। दिखाव बहुत (अच्छा लगता था)। हाथी समझदार था। हाथी सब समझता था। समझता था अर्थात किसीको बिठाना पडे, उसे मारे ऐसा नहीं करना पडता था। फिर बेचरभाई बैठे और स्वागत किया। वहाँ गुरुदेवके सामने भगवानको खोले। गुरुदेव थँभ गये। .. प्रसन्नता बहुत थी। वहीं लेख लिखवाया और लंछन करवाया, सब। लेखमें क्या लिखते हैं, वह पण्डितजीको पूछकर करवाया। तैयार ही थी। इससे कुछ बडे भी थे। ऐसा सब था। इससे कोई छोटे भी थे। लेकिन हमें यह पसन्द आ गये। इनकी मुद्रा बहुत अच्छी थी इसलिये। इनकी मुद्रा बहुत अच्छी थी। थोडा हँसते हैं, ऐसा लगता था उसे हमने ठीक करवाया। इसलिये गंभीर हो गयी। हमने नाठाको कहा, थोडा ठीक