३८८ पहचानमें वह अपेक्षा अलग है और अनुमानसे पहचाना नहीं जाता, वह अपेक्षा अलग है। दोनों अपेक्षा अलग है। अनुमानसे पहचानमें आये, यथार्थ अनुमान, यथार्थ लक्षणको पहचाने तो लक्ष्य पहचानमें आता है। यथार्थ अनुमानसे। परन्तु जो अनुमानसे नहीं पहचाजा जाता अर्थात ज्ञायक द्रव्य बाहरसे अनुमानमात्रसे पहचाना नहीं जाता, ज्ञायक ज्ञायक द्वारा पहचाना जाता है। दोनों अपेक्षाएँ अलग हैं।
मुमुक्षुः- वह यथार्थ लक्षण है।
समाधानः- वह यथार्थ लक्षण है। अन्दर स्वरूप लक्ष्यमें, द्रव्यके लक्ष्यसे द्रव्यको पहचाने उसमें सब बाह्य हो जाता है। अनुमानसे पहचाना वह सब व्यवहार हो जाता है। स्वयं स्वयंके द्वारा अंतरमें पहचाना जाता है, स्वयं ही है। वह अपेक्षा अलग है, यह अपेक्षा अलग है। परन्तु व्यवहार अथवा अनुमान कुछ हो ही नहीं तो आगे (कैसे बढे)? अनुमानका व्यवहार तो बीचमें आये बिना रहता ही नहीं। ज्ञानसे ज्ञानका व्यवहार बीचमें आये बिना नहीं रहता। श्रद्धा प्राप्त हो, ज्ञानका व्यवहार तो बीचमें आता ही है। यथार्थ ज्ञान हो तो यथार्थ श्रद्धा होती है। व्यवहार बीचमें आये बिना नहीं रहता। श्रद्धा मुख्य होने पर भी बीचमें ज्ञान आये बिना नहीं रहता।
मुमुक्षुः- ..
समाधानः- हाँ, वह अनुमान है, यथार्थ अनुमान। बाहरसे अनुमान करना वह नहीं, लक्षणको पहचानना वह अनुमान।
मुमुक्षुः- पहचाननेका जो स्वयंका प्रयास चलता हो, उसमें विकल्प द्वारा उसे विचार चलते हो और साथमें अपने भावमें, यह ज्ञान है, यह जानना है, यह जाननेका सामर्थ्य है, तो पहले जो-जो विकल्प गये वह सब व्यवहार हो जाता है और..
समाधानः- वह सब व्यवहार है। स्वयं स्वयंको पहचान लेना। स्वयंकी स्वयंके द्वारा पहचान हो गयी, अपनी अंतर परिणतिसे अंतरमें पहचाना, वह सब निश्चय है। बीचमें सब विचार आते हैं, वह व्यवहार है। परन्तु वह बीचमें आये बिना रहता ही नहीं। ज्ञानलक्षण है, अनुमानसे। वह अनुमान भी यथार्थ अनुमान है।
.. कब कहा जाय? लक्षणसे पहचाना, परन्तु अंतरमें स्वयं अपने स्वभावमें गया और स्वभावमें स्थिर हो गया, तब जैसा आत्मा था वैसा उसने पहचाना। ऐसा कहा जाय। उसकी प्रतीत, ज्ञान, लीनता सब अभेद होकर परिणमन हुआ, तब उसे यथार्थ प्रतीत हुयी। बीचमें उसे लक्षणसे पहचानकर नक्की किया कि ज्ञानस्वभाव ही आत्मा है। फिर अंतरमें स्वयं उस रूप हो गया, जैसा था वैसा। इसलिये बीचमें जाननेका व्यवहार आता है। अनुमानमात्र नहीं है। स्वयं स्वयंके द्वारा पहचाना (जाता है), वह अपेक्षा अलग है।