Benshreeni Amrut Vani Part 2 Transcripts (Hindi).

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१३८अमृत वाणी (भाग-४)

अनादिअनन्त स्वतःसिद्ध है। प्रज्ञाछैनी द्वारा स्वयं सूक्ष्म होकर, अपनी ओर झुककर स्वयंको पहचान सकता है।

मुमुक्षुः- ज्ञानीकी परिणतिको अज्ञानी देख नहीं सकता, तो ज्ञानीका निर्णय कैसे हो सके अज्ञानीसे?

समाधानः- वह देख नहीं सकता, परन्तु लक्षण द्वारा पहचान सकते हैं। ज्ञानीकी परिणति वह देख नहीं सकता। उनकी भेदज्ञानकी परिणति है वह उनकी वाणीमें उनका वजन कहाँ जाता है? किस ओरकी बात आती है? वह सब उनकी वाणी द्वारा उनका वजन कहाँ जाता है, वह पहचान सकते हैं। उनकी परिणतिको, उनके परिचयसे उनकी वाणी द्वारा पहचान सकते हैं। सत ओर, द्रव्य ओर उनकी दृष्टि कहाँ है, उनकी परिणति क्या काम करती है? उनकी वाणी द्वारा पहचान सकते हैं।

मुमुक्षुः- बाकी बोलता हो और ज्ञानका परिणमन नहीं हुआ हो..

समाधानः- अंतरसे, गहराईसे कहाँसे आती है, उसके वेदनमेंसे आती है? ऊपर- ऊपरसे आती है? या उसकी परिणति उसे प्रगट हुयी उसमेंसे आती है? या वह शास्त्रसे बोलता है? वह जिसकी अन्दरसे सतकी जिज्ञासा हो वह पहचान सकता है। उसकी स्वानुभवपूर्वककी वाणी कैसी है, वह पहचान सकते हैं। उस जातकी वाणी हो तो भी उसका वजन कहाँ जाता है? उसकी परिणति कहाँ काम करती है, उसे पहचान सकते हैं।

एक सामान्य मनुष्य हो, उसके परिचयसे इस आदमीका हृदय क्या काम करता है? उसका क्या काम करता है, वह आदमीके परिचयमें आनेसे स्थूलमें पहचान सकते हैं, तो ये तो उसकी सतरूप परिणति प्रगट हुई है और वाणी मुक्तिके मार्गकी निकली है, किस प्रकारकी निकली है, जिसे सतकी जिज्ञासा हो वह उसे पहचान सकता है।

मुमुक्षुः- बहिन! गुरुदेवने ऐसा फरमाया था कि जो आपके चरणोंको लिपटकर रहेगा उसका बेडा पार हो जायगा, उसका अर्थ क्या?

समाधानः- उसका अर्थ मैं क्या करुँ? गुरुदेवका आशय... उसका अर्थ तो... उसका अर्थ मैं क्या कह सकती हूँ? .. गुरुदेवकी अर्पणता करके रहे। गुरुदेवके अपूर्व वचन थे। गुरुदेवका आत्मा कोई अलग था। उन पर महिमा लाये, उनकी वाणी सुने, उनकी कोई अपूर्व महिमा लाये तो उसका बेडा पार है। जिसने गुरुदेवको अंतरसे पहचाना, गुरुदेवको हृदयमें स्थापित किये, उन पर अर्पणता की, जो गुरुदेव कहे उस रूप उसकी परिणति परिणमे, ऐसे जीवोंका बेडा पार है। वे अपूर्व, उनका आत्मा अपूर्व। ऐसी अपूर्वता जिसके हृदयमें लगी और वह वाणी जिसने सुनी, गुरुदेवका परिचय किया, उनका सान्निध्यमें (रहे), अंतरमें जिसे ऐसी कोई अपूर्वता लगी, उसका बेडा पार है।