Chha Dhala-Gujarati (Devanagari transliteration).

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अने हेय-उपादेय तत्त्वोनां नाम कहो.
४. अघातिया, अंग, अजीव, अनायतन, अंतरात्मा, अंतरंग-
परिग्रह, अमूर्तिक द्रव्य, आकाश, आत्मा, आस्रव, अंग,
कर्म, कषाय, कारण, काळ, काळद्रव्य, गंध, घातिया, जीव,
तत्त्व, द्रव्य, दुःखदायक भाव, द्रव्यकर्म, नोकर्म, परमात्मा,
परिग्रह, पुद्गलना गुण, भावकर्म, प्रमाद, बहिरंग-
परिग्रह, मद, मिथ्यात्व, मूढता, मोक्षमार्ग, योग, रूपी द्रव्य,
रस, वर्ण, सम्यक्त्वना दोष अने सम्यग्दर्शन-ज्ञान-
चारित्रना भेद बतावो.
५. तत्त्वज्ञान होवा छतां पण असंयम, अव्रतीनी पूज्यता,
आत्मानां दुःख, सम्यग्दर्शन, सम्यग्ज्ञान, सम्यक्चारित्र
अने सम्यग्द्रष्टि द्वारा कुदेव वगेरेने नमस्कार न करवा
वगेरेना कारण बतावो.
६. अमूर्तिक द्रव्यो, परमात्माना ध्यानथी लाभ, मुनिनो आत्मा,
मूर्तिक द्रव्यो, मोक्षनुं स्थान अने उपाय, बहिरात्मापणाना
त्यागनुं कारण, साचा सुखनो उपाय अने सम्यग्द्रष्टिना न
ऊपजवानां स्थानो
ए वगेरेनुं स्पष्टीकरण करो.
७. अमुक पद, चरण अथवा छंदनो अर्थ अने भावार्थ बतावो.
त्रीजी ढाळनो सारांश कहो.
८. आत्मा, मोक्षमार्ग, जीव, छ द्रव्य, सम्यग्दर्शन अने
सम्यक्त्वना दोष-ए उपर लेख लखो.
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९८ ][ छ ढाळा