Chha Dhala-Gujarati (Devanagari transliteration). Triji Dhalani Prashnavali.

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६. सामान्य धर्म तो अनेक वस्तुमां रहे छे, परंतु विशेष धर्म
तो खास अमुक वस्तुमां ज रहे छे.
७. सम्यग्दर्शन तो अंगी छे अने निःशंकित अंग तेनुं एक अंग
छे.
त्रीजी ढाळनी प्रश्नावली
१. अजीव, अधर्म, अनायतन, अलोक, अंतरात्मा, अरिहंत,
आकाश, आत्मा, आस्रव, आठ अंग, आठ मद, उत्तम
अंतरात्मा, उपयोग, कषाय, काळ, कुळ, गंध, चारित्रमोह
जघन्य अंतरात्मा, जाति, जीव, मद, देवमूढता, द्रव्यकर्म,
निकल, निश्चयकाळ, सम्यग्दर्शन-ज्ञान-चारित्र-मोक्षमार्ग,
निर्जरा, नोकर्म, परमात्मा, पाखंडी मूढता, पुद्गल,
बहिरात्मा, बंध, मध्यम अंतरात्मा, मूढता, मोक्ष, मोक्षमार्ग,
रस, रूप, लोकमूढता, विशेष, विकलत्रय, व्यवहारकाळ,
सम्यग्दर्शन-मोक्षमार्ग, शम, साचा देव-गुरु-शास्त्र, सुख,
सकल परमात्मा, संवर, सामान्य, सिद्ध अने स्पर्श वगेरेना
लक्षण बतावो.
२. अनायतन अने मूढतामां, जाति अने कुळमां, धर्म अने
धर्मद्रव्यमां, निश्चय अने व्यवहारमां, सकल अने निकलमां,
सम्यग्दर्शन अने निःशंकित अंगमां तथा सामान्य अने
विशेष ए वगेरेमां अंतर (तफावत) बतावो.
३. अणुव्रतीनो आत्मा, आत्महित, चेतन द्रव्य, निराकुळ
अवस्था अथवा स्थान, सात तत्त्वो बधानो सार, बधानुं
मूळ, सर्वोत्तम धर्म, सम्यग्द्रष्टि माटे नमस्कारने अयोग्य
त्रीजी ढाळ ][ ९७