अंतरात्मा, उपयोग, कषाय, काळ, कुळ, गंध, चारित्रमोह
जघन्य अंतरात्मा, जाति, जीव, मद, देवमूढता, द्रव्यकर्म,
निकल, निश्चयकाळ, सम्यग्दर्शन-ज्ञान-चारित्र-मोक्षमार्ग,
निर्जरा, नोकर्म, परमात्मा, पाखंडी मूढता, पुद्गल,
बहिरात्मा, बंध, मध्यम अंतरात्मा, मूढता, मोक्ष, मोक्षमार्ग,
रस, रूप, लोकमूढता, विशेष, विकलत्रय, व्यवहारकाळ,
सम्यग्दर्शन-मोक्षमार्ग, शम, साचा देव-गुरु-शास्त्र, सुख,
सकल परमात्मा, संवर, सामान्य, सिद्ध अने स्पर्श वगेरेना
लक्षण बतावो.
सम्यग्दर्शन अने निःशंकित अंगमां तथा सामान्य अने
विशेष ए वगेरेमां अंतर (तफावत) बतावो.
मूळ, सर्वोत्तम धर्म, सम्यग्द्रष्टि माटे नमस्कारने अयोग्य