लक्षण श्रद्धा जान, दुहूमें भेद अबाधौ;
सम्यक् कारण जान, ज्ञान कारज है सोई,
युगपत् होते हू, प्रकाश दीपकतैं होई. २.
(अराधौ) समजवां जोईए; कारण के (लक्षण) ते बन्नेनां लक्षण
[अनुक्रमे] (श्रद्धा) श्रद्धा करवी अने (जान) जाणवुं छे तथा
(सम्यक्) सम्यग्दर्शन (कारण) कारण छे अने (ज्ञान) सम्यग्ज्ञान
(कारज) कार्य छे. (सोई) आ पण (दुहूमें) बन्नेमां (भेद) अंतर
(अबाधौ) निर्बाध छे. [जेम] (युगपत्) एक साथे (होते हू) होवा
छतां पण (प्रकाश) अजवाळुं (दीपकतैं) दीपकनी ज्योतिथी
(होई) थाय छे तेम.