Chha Dhala-Gujarati (Devanagari transliteration). Gatha: 14 (Dhal 4).

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वार्ता वगेरे सांभळवानो त्याग करवो ते दुःश्रुति अनर्थ-
दंडव्रत कहेवाय छे. १३.
सामायिक, पौषधा, भोगोपभोगपरिमाण अने
अतिथिसंविभागव्रत
धर उर समताभाव सदा सामायिक करिये,
परव चतुष्टयमाहिं, पाप तज प्रोषध धरिये;
भोग और उपभोग, नियमकरि ममत निवारै,
मुनिको भोजन देय फेर निज करहि अहारै. १४
१२२ ][ छ ढाळा