स्वरूपाचरणचारित्रनुं लक्षण अने निर्विकल्प ध्यान१८३
स्वरूपाचरणचारित्र अने अरिहंत अवस्था ...१८५
सिद्ध अवस्था(सिद्ध परमात्मा)नुं वर्णन ...१८७
मोक्ष-अवस्थानुं वर्णन ...१८९
रत्नत्रयनुं फळ, आत्महितमां प्रवृत्तिनो उपदेश१९१
छेल्ली भलामण ...१९२
ग्रंथ-रचनानो काळ अने तेमां आधार ...१९४
छठ्ठी ढाळनो सारांश, भेद-संग्रह, लक्षण-संग्रह
अंतर-प्रदर्शन अने प्रश्नावली ...१९५-२०४
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