छे, कल्पित नथी
जीवोने मारी नाखवा अने केटला काळ सुधी
एवी क्रूरता करवी एनी कोई हद नथी तेने
ते अतिशय क्रूर परिणामोना फळरूपे ज्यां
बेहद दुःख भोगववानुं होय छे एवुं स्थान ते
नरक छे. लाखो खून करनारने लाख वार
फांसी मळे एवुं तो आ लोकमां बनतुं नथी
ते अनंत दुःख भोगववाना क्षेत्रने नरक
कहेवाय छे. ते नरकगतिनां स्थान मध्यलोकनी
नीचे छे अने शाश्वत छे. तेनी साबिती युक्ति
अने न्यायथी बराबर करी शकाय छे.