Chha Dhala-Gujarati (Devanagari transliteration).

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४. अनादिथी संसारमां परिभ्रमण, भवनत्रिकमां पेदा थवुं अने
स्वर्गोमां दुःखनुं कारण बतावो.
५. असुरकुमारोनुं गमन, संपूर्ण जीवराशि, गर्भनिवासनो
समय, जुवानी, नरकनुं आयुष्य, निगोदवासनो काळ,
निगोदियाने इन्द्रियो, निगोदियानुं आयुष्य, निगोदमां एक
श्वासमां जन्म-मरण अने श्वासनुं परिमाण बतावो.
६. त्रसपर्यायनी दुर्लभता, १-२-३-४-५ इन्द्रिय जीवो अने
शीतथी गोळो गळी जवानुं द्रष्टांत बतावो.
७. खोटां परिणामथी प्राप्त थवा योग्य गति, ग्रंथनिर्माणकर्ता,
जीव-कर्म संबंध, जीवोनी इच्छित अने अनिच्छित वस्तु,
नमस्कृत वस्तु, नरकनी नदी, नरकमां जवावाळा
असुरकुमार, नारकीनुं शरीर, निगोदियानुं शरीर,
निगोदमांथी नीकळीने प्राप्त थता पर्यायो, नव मासथी
ओछो वखत गर्भमां रहेवावाळा, मिथ्यात्वी वैमानिकना
भविष्यपर्याय, माता-पिता वगरनां जीव, सर्वथी वधारे
दुःखनुं स्थान, अने संक्लेश परिणामोसहित मरण थवाथी
प्राप्त थवा योग्य गतिनुं नाम कहो.
८. अमुक शब्द, चरण अथवा छंदनो अर्थ अथवा भावार्थ
कहो. पहेली ढाळनो सारांश कहो. गतिओनां दुःख उपर
एक लेख लखो अथवा कही बतावो.
३० ][ छ ढाळा