Chha Dhala-Gujarati (Devanagari transliteration). Biji Dhalani Prashnavali.

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बीजी ढाळनी प्रश्नावली
(१) अगृहीत मिथ्याचारित्र, अगृहीत मिथ्याज्ञान, अगृहीत
मिथ्यादर्शन, कुगुरु, कुधर्म, गृहीत मिथ्यादर्शन, गृहीत
मिथ्याज्ञान, गृहीत मिथ्याचारित्र, छ द्रव्यो अने मिथ्या-
द्रष्टिनी अपेक्षाए जीवादि ए बधांनुं लक्षण बतावो.
(२) मिथ्यात्व अने मिथ्यादर्शनमां, अगृहीत (निसर्गज) अने
गृहीत (बाह्य कारणोथी नवुं ग्रहेल) तेमां, आत्मा अने
जीवमां; सुगुरु, कुगुरु अने विद्यागुरुमां शो तफावत छे ते
दर्शावो.
(३) अगृहीतनुं नामान्तर, आत्महितनो मार्ग, एकेन्द्रियने
ज्ञान न मानवाथी नुकशान, कुदेव वगेरेनी सेवाथी हानि,
बीजी ढाळमां कहेवायेली हकीकत, मरण वखते जीवने
नीकळता नहीं देखवानुं कारण, मिथ्याद्रष्टिनी रुचि,
मिथ्याद्रष्टिनी अरुचि, मिथ्यादर्शन-ज्ञान-चारित्रनी सत्तानो
काळ, मिथ्याद्रष्टिने दुःख आपनारी वस्तु, मिथ्या-धार्मिक
कार्यो करवाथी हानि, अने सात तत्त्वोनी विपरीत श्रद्धाना
प्रकार वगेरेनुं स्पष्ट वर्णन करो.
(४) आत्महित, आत्मशक्तिनुं विस्मरण, गृहीतमिथ्यात्व,
जीवतत्त्वनी ओळखाण न थवामां कोनो दोष, तत्त्वनुं
प्रयोजन, दुःख, मोक्षसुखनी अप्राप्ति अने
संसारपरिभ्रमणना कारणो दर्शावो.
(५) मिथ्याद्रष्टिनो आत्मा, जन्म अने मरण, कष्टदायक वस्तु
बीजी ढाळ ][ ५३