Chha Dhala (Hindi).

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(बहुरि) फि र (दिढ़) दृढ़ (चारित) सम्यक्चारित्र (लीजै)का
पालन करना चाहिये; (तसु) उसके [उस सम्यक्चारित्रके ]
(एकदेश) एकदेश (अरु) और (सकलदेश) सर्वदेश [ऐसे दो ]
(भेद) भेद (कहीजै) कहे गये हैं । [उनमें ] (त्रसहिंसाको) त्रस
जीवोंकी हिंसाका (त्याग) त्याग करना और (वृथा) बिना कारण
(थावर) स्थावर जीवोंका (न सँहारै) घात न करना [वह अहिंसा-
अणुव्रत कहलाता है ] (पर-वधकार) दूसरोंको दुःखदायक
(कठोर) कठोर [और ] (निंद्य) निंद्यनीय (वयन) वचन (नहिं
चौथी ढाल ][ १०९