Chha Dhala (Hindi). Vishay-suchi Pahalee dhal vishay-suchi.

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विषय-सूची
विषय ........................................................................................गाथा---- पृष्ठ
पहली ढाल
मंगलाचरण ...................................................... १
ग्रन्थरचनाका उद्देश्य और जीवोंकी इच्छा ................. १ ------ ३
गुरुशिक्षा सुननेका आदेश तथा संसार-परिभ्रमणका कारण २ ------ ४
इस ग्रन्थकी प्रामाणिकता और निगोदका दुःख ............ ३ ------ ५
निगोदका दुःख और वहाँसे निकलकर प्राप्तकी हुई पर्यायें .. ४ ------ ५
तिर्यंचगतिमें त्रस पर्यायकी दुर्लभता और उसका दुःख ..... ५ ------ ७
तिर्यंचगतिमें असंज्ञी तथा संज्ञीके दुःख ................... ६ ------ ८
तिर्यंचगतिमें निर्बलता तथा दुःख ........................ ७ ------ ९
तिर्यंचके दुःखकी अधिकता और
नरक गतिकी प्राप्तिका कारण .................... ८ ---- १०
नरकोंकी भूमि और नदियोंका वर्णन ..................... ९ ---- ११
नरकोंके सेमल वृक्ष तथा सर्दी-गर्मीके दुःख .............. १० --- १२
नरकोंमें अन्य नारकी, असुरकुमार तथा प्यासका दुःख .... ११ --- १४
नरकोंकी भूख, आयु और मनुष्यगति प्राप्तिका वर्णन ...... १२ ---- १५
मनुष्यगतिमें गर्भ निवास तथा प्रसवकालके दुःख .......... १३ --- १६
मनुष्यगतिमें बाल, युवा और वृद्धावस्थाके दुःख .......... १४ --- १७
देवगतिमें भवनत्रिकका दुःख ............................ १५ ---- १८
देवगतिमें वैमानिक देवोंका दुःख ........................ १६ ---- १९
सार ............................................................ २०
पहली ढालका सारांश ........................................... २०