परिग्रहत्याग महाव्रत, ईर्या समिति और भाषा समिति ...... २ --- १५५
एषणा, आदान-निक्षेपण और प्रतिष्ठापन समिति .......... ३ --- १५८
मुनियोंकी तीन गुप्ति और पाँच इन्द्रियों पर विजय ......... ४ --- १६०
मुनियोंके छह आवश्यक और शेष सात मूलगुण .......... ५ --- १६२
मुनियोंके शेष गुण तथा राग-द्वेषका अभाव ............... ६ --- १६३
मुनियोंके तप, धर्म, विहार तथा स्वरूपाचरणचारित्र ....... ७ --- १६६
स्वरूपाचरणचारित्र (शुद्धोपयोग)का वर्णन ................ ८ --- १६९
स्वरूपाचरणचारित्र (शुद्धोपयोग)का वर्णन ................ ९ --- १७१
स्वरूपाचरणचारित्रका लक्षण और निर्विकल्प ध्यान ....... १० -- १७२
स्वरूपाचरणचारित्र और अरिहन्तदशा .................... ११ -- १७४
सिद्धदशाका (सिद्धस्वरूप)का वर्णन ..................... १२ -- १७६
मोक्षदशाका वर्णन ..................................... १३ -- १७८
रत्नत्रयका फल और आत्महितमें प्रवृत्तिका उपदेश ........ १४ -- १७९
अन्तिम सीख .......................................... १५ -- १८१
ग्रन्थ-रचनाका काल और उसमें आधार .................. १६ -- १८३
छठवीं ढालका सारांश......................................... १८३
छठवीं ढालका भेद-संग्रह ....................................... १८५
छठवीं ढालका लक्षण-संग्रह ................................... १८७
अन्तर-प्रदर्शन.................................................. १८९
प्रश्नावली ..................................................... १८९