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१२. धन्य-धन्य दिन आज है
धन्य-धन्य दिन आज है, मंगलमय सुप्रभात है,
उजमबाके राजदुलारेका मंगल अवतार हैः
धन्य-धन्य०
उजमबाके राजदुलारेका मंगल अवतार हैः
धन्य-धन्य०
उमरालाके द्वार द्वार पर बाज रही शहनाइयां,
‘मोती’ राजा ‘उजमबा’ घर मंगल गीत बधाइयां;
सुर-नर-नारी सब मिल मंगल जन्मोत्सवको मना रहे,
बालसुलभ लीलासे देखो सब चितमें हरियालियां;
‘मोती’ राजा ‘उजमबा’ घर मंगल गीत बधाइयां;
सुर-नर-नारी सब मिल मंगल जन्मोत्सवको मना रहे,
बालसुलभ लीलासे देखो सब चितमें हरियालियां;
पूर्णचन्द्र सम मुखडा तेरा जग-आकर्षणहार है,
सूर्यप्रभासे भी अधिका यह अनुपम तव देदार है ।
धन्य-धन्य० १
सूर्यप्रभासे भी अधिका यह अनुपम तव देदार है ।
धन्य-धन्य० १
दिव्य विभूति कहानगुरुजी सिंहकेसरी हैं जागे,
धर्मचक्रीकी अमर पताका देशोंदेशमें फहराये;
ओ पुराण पुरुषोत्तम तू सर्वांग सुमंगलकार है,
तुझ दर्शनसे भारतवासी भाग्यशाली हैं कहलाये;
धर्मचक्रीकी अमर पताका देशोंदेशमें फहराये;
ओ पुराण पुरुषोत्तम तू सर्वांग सुमंगलकार है,
तुझ दर्शनसे भारतवासी भाग्यशाली हैं कहलाये;
तीर्थ समा पावन मन है, खिला हुआ नन्दनवन है,
कल्याणी चिन्मूर्ति पर यह न्योच्छावर सब जगजन है ।
धन्य-धन्य० २
कल्याणी चिन्मूर्ति पर यह न्योच्छावर सब जगजन है ।
धन्य-धन्य० २
चैतन्यप्रभुका अजब-गजबका रंग गुरुमें छाया है, और उसे ही भक्तोंके अंतस्तलमें फै लाया है, स्वानुभूतियुगस्त्रष्टा तेरी धवलकीर्ति दशदिशव्यापी, साधकका विश्राम गुरु मंगल तीरथ कहलाया है;