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वाणी अमृत-घोली है, सारी दुनियां डोली है,
वीतरागके गुप्त ह्रदयकी अंतर्ग्रन्थि खोली है ।
धन्य-धन्य० ३
वीतरागके गुप्त ह्रदयकी अंतर्ग्रन्थि खोली है ।
धन्य-धन्य० ३
जनम-जनमका अंत करे तू ऐसा महिमावंत है,
करुणामय वात्सल्यमूर्ति गुरु अद्भुत शक्तिवंत हैं;
कल्पवृक्ष सम वांछितदाता, भारत-भाग्यविधाता है,
तुझ मंगल छायामें जगमें जिनशासन जयवंत है;
करुणामय वात्सल्यमूर्ति गुरु अद्भुत शक्तिवंत हैं;
कल्पवृक्ष सम वांछितदाता, भारत-भाग्यविधाता है,
तुझ मंगल छायामें जगमें जिनशासन जयवंत है;
ज्ञान और वैराग्य-भक्तिका संगम मंगलकार है,
कहान-गुरुवर शाश्वत चमको, वन्दन वारंवार है ।
धन्य-धन्य० ४
कहान-गुरुवर शाश्वत चमको, वन्दन वारंवार है ।
धन्य-धन्य० ४
गुणमूर्ति सीमंधरनन्दन स्वर्णपुरी-शणगार हैं,
जीवनशिल्पी नाथ अहो आत्मार्थीके आधार हैं;
दुषमकालमें मुक्तिदूत, भविभक्तोंको वरदान है,
तेरी स्वर्णिम गुणगणगाथा भवदधितारणहार है;
जीवनशिल्पी नाथ अहो आत्मार्थीके आधार हैं;
दुषमकालमें मुक्तिदूत, भविभक्तोंको वरदान है,
तेरी स्वर्णिम गुणगणगाथा भवदधितारणहार है;
शाश्वत शरण तुम्हारा हो, चाहें जगत किनारा हो,
भवभवमें तुझ दास रहें, बस तू आदर्श हमारा हो;
धन्य-धन्य दिन आज है, मंगलमय सुप्रभात है,
उजमबाके राजदुलारेका मंगल अवतार है । ५
भवभवमें तुझ दास रहें, बस तू आदर्श हमारा हो;
धन्य-धन्य दिन आज है, मंगलमय सुप्रभात है,
उजमबाके राजदुलारेका मंगल अवतार है । ५
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