[ ७ ]
अद्भुत ज्ञान खजानो अपार के,
चरणादिक शोभी रह्यां रे लोल. ३.
खीलेल आतमशक्ति अपार के,
चैतन्यतेज दीपी रह्युं रे लोल. ४.
समयसार आदिमांथी काढेल मावो के,
खवडाव्यो खंतथी रे लोल. ५.
पींखी पींखी अने समजाव्युं,
रहस्य हृदयनुं रे लोल. ६.
असली स्वरूपनुं आप्युं ज्ञान के,
न्याल सेवकने कर्यो रे लोल. ७.
आवो पुरुष आ काळे अजोड के,
दुर्लभता सत् तणी रे लोल. ८.
प्रभु नो’ता केवळी संतना जोग के,
एकाकी सत् शोधियुं रे लोल. ९.
प्रभु मतमतांतरना मोटा भेद के,
वच्चेथी सार काढियो रे लोल. १०.
सुरलोके इन्द्रो गाय छे गीत के,
भरतना आ भूपना रे लोल. ११.
भरतमां वर्ती रह्यो छे जयकार के,
महिमा कहानगुरु तणो रे लोल. १२.
प्रभु पामरने कर्यो उपकार अमाप के,
अमृत रेडियां रे लोल. १३.
आ शरीरनी शिवडावुं खोळ के,
बदलो नहीं वळे रे लोल. १४.