[ १५ ]
मीठो महेरामण आंगणिये कहान महाराज,
पुण्योदयनां मीठां फळ फळियां आज. मेरा० १.
अमृतभर्यां ज्यां उर छे, नयने विजयनां नूर छे,
ज्ञानामृते भरपूर छे, ब्रह्मचारी ए भडवीर छे;
युक्ति-न्यायमां शूरा छो योगीराज,
निश्चय-व्यवहारना साचा छो जाणनहार. मेरा० २.
देहे मढेला देव छो, चरिते सुवर्णविशुद्ध छो,
धर्मे धुरंधर संत छो, शौर्ये सिंहण-पीध-दूध छो;
मुक्ति वरवाने चाल्या छो योगिराज,
सनातन धर्मना साचा छो ॠषिराज. मेरा० ३.
सूत्रो बताव्यां शास्त्रमां, उकेलवां मुश्केल छे,
अक्षर तणो संग्रह घणो, पण ज्ञान पेले पार छे;
अंतर्गतना भावोने ओळखनार,
आत्मिक वीर्यना साचा सेवनहार. मेरा० ४.
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१४. शासन-उद्धारक गुरु जन्मदिवस
शासन-उद्धारक गुरु जन्मदिवस छे आजनो रे,
जेने अंतर ऊछळ्यां आत्म तणां निधान,
जयजयकार जगतमां कहानगुरुनो गाजतो रे. शासन० १.
(साखी)
उमराळामां जनमिया उजमबा कूख नंद,
कहान तारुं नाम छे जगतवंद्य अनुप;
जयजयकार जगतमां थाये तुजनो आज,
महिमा तुज गुणनी हुं शी कहुं मुखथी साहिबा रे. शासन० २.