Gurustutiaadisangrah-Gujarati (Devanagari transliteration). 17. BHARATAKHANDAMA EK SANT UGIYO.

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[ १८ ]
सीमंधर गणधर सत्संगी,
तारां दर्शने पाप जावे नासी;
अक्षय गुणगण रत्नधामी,
तारुं नाम रटुं पलपल स्वामी. ३.
ए गुरुवरनो महिमा मोटो,
जेनो जगमां जडे न कदी जोटो;
महाभाग्ये गुरुदर्शन पामी,
तारुं नाम रटुं पलपल स्वामी. ४.
मारा मन-घरमां तमे आवी वसो,
पछी खामी शानी गुरु मारे कहो;
लहे हर्ष सेवक अंतरजामी,
तारुं नाम रटुं पलपल स्वामी. ५.
१७. भारतखंMमां एक संत ©गियो
भारतखंडमां संत एक ऊगियो,
भाग्यवान आंगणे कहान ए पाकियो;
चैतन्य ज्योति अखंड,
संत एवा पूजवा पधारजो. १.
जागिया ए संत आज, जगतने जगाडवा;
मुक्तिमंत्र आपियो, स्वतंत्रताने पामवा;
शक्ति एनी छे प्रचंड....संत० २.
सीमंधरदेवना चरण-उपासक,
पूर्णानंद स्वरूप तणो ग्राहक;
जाग्यो ए संत एकाएक....संत० ३.