Gurustutiaadisangrah-Gujarati (Devanagari transliteration). 18. HO BHAVIYA PAMI AMOOLYA JINAVANEE.

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[ १९ ]
कुंदकुंदगुरुनो केडायत संत ए,
समयसार शास्त्रनो पचावनार संत ए;
खोल्यां रहस्य अणमूल... .संत० ४.
अज्ञान अंधारां नशाडवा ए शूरवीर,
ज्ञानप्रकाश प्रकाशवा ए भडवीर;
भव्यनो उद्धारनार वीर....संत० ५.
निज स्वरूपनी मस्तीमां मस्त ए,
आत्म अखंडमां थया अलमस्त ए;
वाणीए झरे अमीरस....संत० ६.
उत्तम भाग्यथी संत ए सेविया,
सेवकनां सर्व कार्य सुधरियां,
वंदन होजो अनंत....संत० ७.
१८. अमूल्य जिन वाणी
हो भविया पामी अमूल्य जिनवाणी,
हो भविया पामी अमूल्य ॐवाणी,
हो भविया पामी अमूल्य गुरुवाणी,
तुं ऊतरजे अंतरमांही....हो० १.
त्रिभुवनदीपक जिननी सेवा,
अखूट गुणना मेवा लेवा;
सेवीए आ सत्-धर्मवाणी....हो० २.
दीपक ज्ञाननो घटमां जगावी,
दर्शनशुद्धि निर्मळ पामी;
सुणीए ए दिव्य जिनवाणी....हो० ३.