Gurustutiaadisangrah-Gujarati (Devanagari transliteration). 29. AAJ MOTIDE ME VARASE JO.

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२९. आज...मोतीMे मे वरसे जो
आज सारी हिंदभूमिमां मोतीडे मे वरसे जो;
कहानगुरुनो विहार थातां भारत आखुं डोले जो;
गगने देवदुंदुभि वागे, सुर वीणाना गाजे जो...आज० १.
स्वर्णपुरीना संत पधारे भारततारणहार जो;
कुमकुम पगले गुरुजी पधारे, गगने देव वधावे जो...आज० २.
तीर्थभूमिमां गुरुजी पधारे, आनंद मंगळ थाय जो;
मंगळमूर्ति गुरुजी पधारे, घर घर मंगळमाळ जो...आज० ३.
दैवी महिमाधारी पधारे, अध्यातम-अवतार जो;
चैतन्य केरा पंथ बतावे, आवे भवना अंत जो...आज०
अनुपम वाणी नित्ये वरसे, आवे भवना अंत जो...आज० ४.
तीरथयात्रा गुरुजी पधार्या, हिंदनो ए हीरो जो;
सेवक (भव्य) तारणहार पधार्या, कल्याणकारी संत जो...आज० ५.
अपूर्व कार्यो गुरु-जीवनमां, श्रुत तणो अवतार जो;
गगने देवो गुरुगुण गाता, घंटनाद गजावे जो.
(जयजयनाद गजावे जो.)...आज० ६.
गंधर्वोनी ध्वनि गाजे, मीठां गीत उच्चारे जो;
सेवकनां आज हैयां ऊछळे, गुरुजी महिमा गाजे जो...आजे० ७.
गुरुवर महिमा शी शी करीए, वाणीए न कथाय जो;
तीरथयात्रा गुरुजी पधारे, तीरथवंदन काज जो...आज० ८.