Gurustutiaadisangrah-Gujarati (Devanagari transliteration). 30. SHIKHAR SAMMED SOHAMANA.

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३०. शिखर संमेद सोहामणा
(रागः धन्य दिवस धन्य आजनो...)
शिखर संमेद सोहामणा, मंगळ तीरथधाम;
नभस्पर्शी उन्नत अति, सुखकर रमणीय धाम...शिखर० १.
शिखर संमेद वन-वृक्षनी, शोभा अति मनहार;
नित्य अनादि अनंत जे, पावन तीरथराज...शिखर० २.
आ युगना जिन वीस जे, अजितादिक जिननाथ;
मुक्त थया गिरिशिखरथी, धन्य धन्य आ धाम....शिखर० ३.
अनंत तीर्थंकर आ भूमिमां, सिद्ध थया भगवान;
थाशे अनंता भाविमां, शाश्वत तीर्थ महान...शिखर० ४.
ज्ञान पूरण, दर्शन पूरण, पूरण चारित्रानंद;
दिव्य अनंत गुण परिणम्या, विश्ववंद्य भगवंत....शिखर० ५.
पावन जिनचरणो थकी, पावन छे तीर्थराज;
अणु-अणु पावन शिखरना, विचर्या ज्यां जिनराज...शिखर० ६.
जिनवंदनना कारणे, आवे चारण ॠषिराज;
ध्यान धरे गिरिशिखरमां, पामे शिवपुरराज...शिखर० ७.
गणधर श्रुतधर मुनिवरा, ध्यावे आतमध्यान;
आतमलीन सिद्धि वर्या, पामी केवळज्ञान....शिखर० ८.
प्रत्यक्ष जिनदर्शन करे, वाणी सुणे अमीधार;
नयणे निरखे कल्याणको, धन्य धन्य महाभाग....शिखर० ९.
शाश्वत तीरथराजनी, महिमा मेरु समान;
अंतातीत तीर्थेशना, गुणो केम गवाय....शिखर० १०.
गणधर-मुनि-सुरनर संगमां जिनचोवीसी अनंत;
पुनित प्रसंगो तीर्थ पर, स्मरणो हृदये स्फुरंत...शिखर० ११.
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