४१. मीLां स्मरण नेमिनाथनां रे
(रागः आजे दिव्यध्वनि छूटी वीरमुखथी रे)
आज बावीसमा नेमिनाथनां रे,
तीर्थ गिरनारे द्रश्यो देखाय,
आज मीठां स्मरण नेमिनाथनां रे. १.
आज शिवादेवीना नंदनां रे,
गढ गिरनारे दर्शन थाय,
आज मीठां०...२.
जेणे त्याग कर्यो राजपाटनो रे,
वळी त्यागी छे राजुल नार,
आज मीठां०...३.
सहसावने संयम आदर्या रे,
प्रभु विवाहप्रसंगे वैराग्य,
आज मीठां०...४.
सहसावने शुक्लध्यान आदर्यां रे,
प्रभु पाम्या छो केवळज्ञान,
आज मीठां०...५.
गिरनारे समोसरण सोहता रे,
अहो! सुर-नर-मुनिवरवृंद,
आज मीठां०...६.
दिव्यध्वनिना धोध गिरनारमां रे,
नभे देवदुंदुभि नाद,
आज मीठां०...७.
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