५२. धान्य धान्य दिन आज है
धन्य धन्य दिन आज है, मंगलमय सुप्रभात है,
उजमबाके राजदुलारेका मंगल अवतार है;
हां आनंद आज अपार है.
उमरालाके द्वार द्वार पर बाज रही शहनाइयां,
मोती राजा उजमबा घर, मंगल गीत वधाइयां;
देवदेवियां सब मिल आजे जन्मोत्सव मना रहे,
बालसुलभ लीलाको देखे, सब चित्तमें हरियालियां;
पूर्ण चंद्र सम मुखडा तेरा जग-आकर्षणहार है,
सूर्यप्रभासे भी अधिका ये अनुपम तुम देदार है.
धन्य धन्य० १.
जनम-जनमका अंत करे तू ऐसा महिमावंत है,
करुणामय वात्सल्यमूर्ति प्रभु अनुपम शक्तिवंत है;
जिनशासनको अखिल विश्वमें फैलाने प्रभु तू आया,
बचपनसे ही धर्मरसिक तुज मुद्रा उपशमवंत है;
तू अजोड है विश्वविभूति, तेरी चाल निराली है,
निरालंबी दुनियासे तेरी ज्ञानदशा मतवाली है.
धन्य धन्य० २.
चैतन्यप्रभुका अजब-गजबका रंग साथमें लाया है,
आता है जो तुज दर्शनको, उस रंगमें रंग जाता है;
पावन जैसे नीर नदीका, निर्मल तेरा यह मन है,
तुम चरणोंको पाकर हमको अंतर हर्ष न माता है;
ज्ञान-वैराग्य-भक्तिका गुरुमें संगम मंगलकार है,
कहान-गुरुवर शाश्वत चमको, वंदन वारंवार है.
धन्य धन्य० ३.
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