Gurustutiaadisangrah-Gujarati (Devanagari transliteration). 53. TUM EK ALAUKIK.

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भक्तवत्सल गुरुवरका जगमें मंगलमय अवतार है,
जीवनशिल्पी नाथ अहो अम आतमके आधार हैं;
मीठी मधुरी वाणी तेरी विश्वगगनमें गुंज उठी,
मंगल स्वरको सुन जगमें होता तेरा जयकार है;
महिमा गुरुकी करता जा, अंतर इन्हें बिठाता जा,
गुरुवरके चरणों पर चलने गीत रंगीले गाता जा.
धन्य धन्य० ४.
५३. तुम एक अलौकिक
तुम एक अलौकिक हो भगवन्!
त्रिभुवनमें सचमुच लाखोंमें;
है मधुर शांतरस भरा हुआ,
भरपूर तुम्हारी आंखोंमें. १.
तुम जगसे बिलकुल न्यारे हो,
जीवन-आधार हमारे हो;
तुम भूल गये हो पापोंको,
है धर्म तुम्हारी आंखोंमें. २.
शुभ सहनशीलता पाठ पढा,
मनमें विरागका रंग चढा;
दिखलाई पडता है अतिशय,
अध्यात्म तुम्हारी आंखोंमें. ३.
ममताका गला दबाया है,
जगवर्द्धक लोभ हटाया है;
उपशम समतादि गुणोंका है,
भंडार तुम्हारी आंखोंमें. ४.
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