Gurustutiaadisangrah-Gujarati (Devanagari transliteration).

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गुरुजी उपर प्यार छे, साचो तेनो आधार छे;
नाविक तारणहार छे, ए प्रभावशाळी आतमा. ५.
समयसारने छणनारो, सर्व दोषने हणनारो;
मुक्तिने ते वरनारो, ए प्रभावशाळी आतमा. ६.
आध्यात्मिक ए योगी छे, आतमरसनो भोगी छे;
शुद्धस्वरूप-संयोगी छे, ए प्रभावशाळी आतमा. ७.
पूरव भवमां पामेलो, ते पण साथे लावेलो;
तत्त्वज्ञानमां रसघेलो, ए प्रभावशाळी आतमा. ८.
कुंद-सीमंधर-वारस छे, रत्नचिंतामणि पारस छे;
अंतर जेनुं आरस छे, ए प्रभावशाळी आतमा. ९.
अंतरमां ओळखाण छे, सर्व शास्त्रनो जाण छे;
वाणी अमीरस-खाण छे, ए प्रभावशाळी आतमा. १०.
अंतरमां उजमाळ छे, व्याख्यान अमृतथाळ छे;
ते हृदयनो विशाळ छे, ए प्रभावशाळी आतमा. ११.
आत्म-मस्तीमां मस्त रहे, सघळानुं ए हित चहे;
कर्मशत्रुने नित्य दहे, ए प्रभावशाळी आतमा. १२.
मिथ्यात्वनो विरोधक छे, सत्य तणो ए स्थापक छे;
परम श्रुतनो बोधक छे, ए प्रभावशाळी आतमा. १३.
अपूर्व शांति वेदक छे, तमाम ग्रंथि भेदक छे;
चतुर ने वळी चेतक छे, ए प्रभावशाळी आतमा. १४.
महा प्रतापी पुरुष छे, भेदज्ञाननो स्फुरक छे;
जाणे ऊगतो सूरज छे, ए प्रभावशाळी आतमा. १५.
अजब एनी स्मृति छे, गजब एनी स्फूर्ति छे;
केवळ करुणामूर्ति छे, ए प्रभावशाळी आतमा. १६.
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