Moksha Marg Prakashak-Gujarati (Devanagari transliteration). Mokshamargprakashak Gujarati Anuvadakanu Mangalacharan.

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नमः सिद्धेभ्यः
आचार्यकल्प पंडित टोडरमलजीकृत
श्री मोक्षमार्गप्रकाशक
गुजराती अनुवाद
अनुवादकनुं मंगलाचरण
(शार्दूलविक्रीडित छंद)
श्री सत्तत्त्वरुचि सुबोध स्थिरता शुद्धात्म भावे वरूं,
वंदुं सत्श्रुति सद्गुरु चरणने सत्कार्य सिद्धे ठरूं;
प्रारंभे परमेष्ठी पंच प्रणमुं मांगल्य आपे सदा,
सौने श्रेय करे धरे स्वपदमां स्वानंद दे सर्वदा.
(सवैया)
शाश्वत निजात्म तत्त्व यथार्थ समजवाने,
मोक्षमार्ग प्रकाशक श्रेष्ठ सुखदायी छे;
अनादिनुं दुःख जाय आत्मसिद्धि सद्य थाय,
आस्रव रोकाय भाव संवर वराय छे.
नमो नमो शुद्ध भाव सच्चिति स्वरूप गुरु,
ज्ञान-ध्यान आत्म पुष्टि सत्वर कराय छे;
मंगळ कल्याणमाला सुगंध विस्तार थाय,
मोह भाव जाय शुद्ध स्वभाव पमाय छे.
(दोहरा)
परम पदारथ पामवा, मंगलमय जिनवाण;
वंदुं निजगुण वृद्धिकर, लहुं सदा सुखखाण.
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