(क) कर्मोंकी अपेक्षासे
ज्ञानावरण और दर्शनावरणके क्षयोपशमसे
होनेवाला दुःख और उससे निवृत्ति -------४६
मोहनीयकर्मके उदयसे होनेवाला दुःख और
उससे निवृत्ति ---------------------------------५०
दर्शनमोहसे दुःख और उससे निवृत्ति -------५०
चारित्रमोहसे दुःख और उससे निवृत्ति ------५२
अन्तरायकर्मके उदयसे होनेवाला दुःख और
उससे निवृत्ति --------------------------------- ५७
वेदनीयकर्मके उदयसे होनेवाला दुःख
और उससे निवृत्ति --------------------------५८
आयुकर्मके उदयसे होनेवाला दुःख
और उससे निवृत्ति --------------------------६१
नामकर्मके उदयसे होनेवाला दुःख
और उससे निवृत्ति --------------------------६१
गोत्रकर्मके उदयसे होनेवाला दुःख
और उससे निवृत्ति --------------------------६२
(ख) पर्यायकी अपेक्षासे --------------------- ६२
एकेन्द्रिय जीवोंके दुःख ------------------------६२
विकलत्रय व असंज्ञी पंचेन्द्रिय
नरकगतिके दुःख -----------------------------६६
तिर्यंचगतिके दुःख ------------------------------६६
मनुष्यगतिके दुःख ------------------------------ ६७
देवगतिके दुःख ---------------------------------६८
(ग) दुःखका सामान्य स्वरूप --------------- ७०
चार प्रकारकी इच्छाएँ ------------------------- ७०
मोक्षसुख और उसकी प्राप्तिका उपाय --७२-७५
प्रयोजनभूत-अप्रयोजनभूत पदार्थ -------------- ७८
मिथ्यादर्शनकी प्रवृत्ति ---------------------------८०
जीव-अजीवतत्त्व संबंधी अयथार्थ श्रद्धान --८०
आस्रवतत्त्व संबंधी अयथार्थ श्रद्धान --------८२
बंधतत्त्व संबंधी अयथार्थ श्रद्धान ------------८३
संवरतत्त्व संबंधी अयथार्थ श्रद्धान -----------८३
निर्जरातत्त्व संबंधी अयथार्थ श्रद्धान ---------८३
मोक्षतत्त्व संबंधी अयथार्थ श्रद्धान -----------८४
पुण्य-पाप संबंधी अयथार्थ श्रद्धान -----------८४
मिथ्याज्ञानका स्वरूप ---------------------८५-८८
मिथ्याचारित्रका स्वरूप --------------------८८-९४
इष्ट-अनिष्टकी मिथ्या कल्पना ------------------८९
राग-द्वेषका विधान व विस्तार ---------------९१
मोहकी महिमा -----------------------------------९३
सृष्टिकर्तावादका निराकरण ---------------------९९
लोकके अनादिनिधनपनेकी पुष्टि ----------- ११०
ब्रह्मसे कुलप्रवृत्ति आदिका प्रतिषेध ------- १११
अवतार मीमांसा ------------------------------ ११२
योगमीमांसा :
भक्तियोग मीमांसा ---------------------------- ११५
ज्ञानयोग मीमांसा ----------------------------- ११८
अन्यमत कल्पित मोक्षमार्गकी मीमांसा----- १२२
मुस्लिममत संबंधी विचार ------------------- १२३
अन्यमत निरूपित तत्त्व-विचार ------- १२५-१३७
सांख्यमत -------------------------------------- १२५
शिवमत : नैयायिकमत ---------------------- १२७
वैशेषिकमत------------------------------------ १२८