Parmatma Prakash (Gujarati Hindi) (Bengali transliteration). Gatha-8 (Adhikar 1) Shri Yoginadragurune Bhatt Prabhakarna Prashno.

< Previous Page   Next Page >


Page 26 of 565
PDF/HTML Page 40 of 579

background image
Shri Digambar Jain Swadhyay Mandir Trust, Songadh - 364250
শ্রী দিগংবর জৈন স্বাধ্যাযমংদির ট্রস্ট, সোনগঢ - ৩৬৪২৫০
निर्विकल्पसमाधिं ये साधयन्ति ते भवन्ति साधवस्तानहं वन्दे अत्रायमेव ते समाचरन्ति
कथयन्ति साधयन्ति च वीतरागनिर्विकल्पसमाधिं तमेवोपादेयभूतस्य स्वशुद्धात्मतत्त्वस्य
साधकत्वादुपादेयं जानीहीति भावार्थः
।।।। इति प्रभाकरभट्टस्य पञ्चपरमेष्ठि-
नमस्कारकरणमुख्यत्वेन प्रथममहाधिकारमध्ये दोहकसूत्रसप्तकं गतम्
अथ प्रभाकरभट्टः पूर्वोक्त प्रकारेण पञ्चपरमेष्ठिनो नत्वा पुनरिदानीं श्रीयोगीन्द्रदेवान्
विज्ञापयति
८) भाविं पणविवि पंचगुरु सिरिजोइंदुजिणाउ
भट्टपहायरि विण्णविउ विमलु करेविणु भाउ ।।।।
২৬ ]যোগীন্দুদেববিরচিত: [ অধিকার-১ : দোহা-৮
हैं, साधते हैं वे ही साधु हैं अर्हंत, सिद्ध, आचार्य, उपाध्याय, साधु, ये ही पंचपरमेष्ठी वंदने
योग्य हैं, ऐसा भावार्थ है ।।।।
ऐसे परमेष्ठीको नमस्कार करनेकी मुख्यतासे श्रीयोगीन्द्राचार्यने परमात्मप्रकाशके प्रथम
महाधिकारमें प्रथमस्थलमें सात दोहोंसे प्रभाकरभट्ट नामक अपने शिष्यको पंचपरमेष्ठीकी
भक्तिका उपदेश दिया
इति पीठिक ा
अब प्रभाकरभट्ट पूर्वरीतिसे पंचपरमेष्ठीको नमस्कारकर और श्रीयोगीन्द्रदेव गुरुको
नमस्कार कर श्रीगुरुसे विनती करता है
নির্বিকল্পসমাধিনে জেও সাধে ছে তেও সাধু ছে. তেমনে হুং বংদন করুং ছুং.
অহীং জে বীতরাগনির্বিকল্পসমাধিনে তেও (আচার্য, উপাধ্যায, অনে সাধু) আচরে ছে,
কহে ছে অনে সাধে ছে তে জ বীতরাগনির্বিকল্পসমাধি উপাদেযভূত স্বশুদ্ধাত্মতত্ত্বনী সাধক হোবাথী
উপাদেয জাণো এবো ভাবার্থ ছে. ৭.
আ প্রমাণে প্রভাকরভট্টনা পংচপরমেষ্ঠীনে নমস্কারকরণনী মুখ্যতাথী প্রথম মহাধিকারমাং
সাত দোহক সূত্রো সমাপ্ত থযাং.
ইতি পীঠিকা
হবে প্রভাকরভট্ট পূর্বোক্ত প্রকারে পংচপরমেষ্ঠীনে নমস্কার করীনে ফরী অহীং শ্রী যোগীন্দ্রদেবনে
বিনংতী করে ছে :