Shri Digambar Jain Swadhyay Mandir Trust, Songadh - 364250
shrI diga.nbar jain svAdhyAyama.ndir TrasTa, sonagaDh - 364250
384 ]yogIndudevavirachit: [ adhikAr-2 : dohA-100
२२७) राय – दोस बे परिहरिवि जे सम जीव णियंति ।
ते सम – भावि परिट्ठिया लहु णिव्वाणु लहंति ।।१००।।
रागद्वेषौ द्वौ परिहृत्य ये समान् जीवान् पश्यन्ति ।
ते समभावे प्रतिष्ठिताः लघु निर्वाणं लभन्ते ।।१००।।
राय इत्यादि । पदस्वण्डनारूपेण व्याख्यानं क्रियते । राय-दोस बे परिहरिवि
वीतराग – निजानन्दैकस्वरूपस्वशुद्धात्मद्रव्यभावनाविलक्षणौ रागद्वेषौ परिहृत्य जे ये केचन सम
जीव णियंति सर्वसाधारणकेवलज्ञानदर्शनलक्षणेन समानान् सद्रशान् जीवान् निर्गच्छन्ति
जानन्ति ते ते पुरुषाः । कथंभूताः । सम-भावि परिट्ठिया जीवितमरणलाभालाभसुखदुःखादि-
समताभावनारूपे समभावे प्रतिष्ठिताः सन्तः लहु णिव्वाणु लहंति लघु शीघ्रं आत्यन्तिक-
have, sarva jIvomA.n samadarshIpaNu.n muktinu.n kAraN Che, em pragaT kare Che : —
bhAvArtha : — je koI vItarAg nijAna.nd jenu.n ek svarUp Che evA shuddhAtmadravyanI
bhAvanAthI vilakShaN rAgadveShane ChoDIne jIvone sarvasAdhAraN kevaLaj~nAn ane kevaLadarshananA
lakShaNathI samAn – sadrash – jANe Che te puruSho jIvit-maraN, lAbh-alAbh, sukh-duHkh AdimA.n
samatAbhAvanArUp samabhAvamA.n rahyA thakA shIghra Atyantik ek svabhAvarUp achi.ntya, adbhut
kevaLaj~nAnAdi (ana.nt) guNonu.n sthAn evA nirvANane pAme Che.
आगे ऐसा कहते हैं, कि सब ही जीव द्रव्य से तो जुदे-जुदे हैं, परंतु जातिसे एक हैं,
और गुणोंकर समान हैं, ऐसी धारणा करना मुक्तिका कारण है —
गाथा – १००
अन्वयार्थ : — [ये ] जो [रागद्वेषौ ] राग और द्वेषको [परिहृत्य ] दूर करके [जीवाः
समाः ] सब जीवोंको समान [निर्गच्छंति ] जानते हैं, [ते ] वे साधु [समभावे ] समभावमें
[प्रतिष्ठिताः ] विराजमान [लघु ] शीघ्र ही [निर्वाणं ] मोक्षको [लभंते ] पाते हैं ।
भावार्थ : — वीतराग निजानंदस्वरूप जो निज आत्मद्रव्य उसकी भावनासे विमुख जो
राग-द्वेष उनको छोड़कर जो महान् पुरुष केवलज्ञान दर्शन लक्षणकर सब ही जीवोंकी समान
गिनते हैं, वे पुरुष समभावमें स्थित शीघ्र ही शिवपुरको पाते हैं ।समभावका लक्षण ऐसा है,
कि जीवित, मरण, लाभ, अलाभ, सुख, दुःखादि सबको समान जानें । जो अनन्त सिद्ध हुए
और होवेंगे, यह सब समभावका प्रभाव है । समभावसे मोक्ष मिलता है । कैसा है वह