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समयसार ६३-प
६३-६ ववहारणओ भासदि जीवो देहो य हवदि खलु एक्को। ण दु णिच्छयस्स जीवो देहो य कदा वि एक्कट्ठो।। २७ ।।
प्रवचन
रत्नाकर १०प-प
१०प-६ ववहारणयो भासदि जीवो देहो य हवदि खलु इक्को।
रत्नाकर १०प-प
१०प-६ ववहारणयो भासदि जीवो देहो य हवदि खलु इक्को।
ण दु णिच्छयस्स जीवो देहो स कदावि एकट्ठो।। २७।।
समयसार ७९-२३ [कश्चन नास्ति नास्ति] कांई पण लागतोवळगतो नथी
अर्थात् एने अने मारे कांई पण नातो नथी. २
प्रवचन
रत्नाकर १८९-३१[कश्चन नास्ति नास्ति] कांई पण लागतोवळगतो नथी
रत्नाकर १८९-३१[कश्चन नास्ति नास्ति] कांई पण लागतोवळगतो नथी
अर्थात् एने अने मारे कांई पण नातो नथी.
समयसार ८१-६ इति सति सह सर्वैरन्यभावैर्विवेके ३
प्रवचन
रत्नाकर २००-४इति सति सह सवर्रैन्यभावैर्विवेके
रत्नाकर २००-४इति सति सह सवर्रैन्यभावैर्विवेके