Pravachansar (Hindi).

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निष्कम्प एवावतिष्ठते अलमतिविस्तरेण स्वस्ति स्याद्वादमुद्रिताय जैनेन्द्राय शब्दब्रह्मणे
स्वस्ति तन्मूलायात्मतत्त्वोपलम्भाय च, यत्प्रसादादुद्ग्रन्थितो झगित्येवासंसारबद्धो मोहग्रन्थिः
स्वस्ति च परमवीतरागचारित्रात्मने शुद्धोपयोगाय, यत्प्रसादादयमात्मा स्वयमेव धर्मो भूतः ।।९२।।
(मन्दाक्रान्ता)
आत्मा धर्मः स्वयमिति भवन् प्राप्य शुद्धोपयोगं
नित्यानन्दप्रसरसरसे ज्ञानतत्त्वे निलीय
प्राप्स्यत्युच्चैरविचलतया निष्प्रकम्पप्रकाशां
स्फू र्जज्ज्योतिःसहजविलसद्रत्नदीपस्य लक्ष्मीम्
।।।।
पूर्वसूत्रोक्तं मुनीश्वरं दृष्ट्वा तुष्टो निर्भरगुणानुरागेण संतुष्टः सन् किं करोति अब्भुट्ठित्ता करेदि सक्कारं
अभ्युत्थानं कृत्वा मोक्षसाधकसम्यक्त्वादिगुणानां सत्कारं प्रशंसां करोति वंदणणमंसणादिहिं तत्तो सो
धम्ममादियदि
‘तवसिद्धे णयसिद्धे’ इत्यादि वन्दना भण्यते, नमोऽस्त्विति नमस्कारो भण्यते,
तत्प्रभृतिभक्तिविशेषैः तस्माद्यतिवरात्स भव्यः पुण्यमादत्ते पुण्यं गृह्णाति इत्यर्थः ।।



।। अथ तेन पुण्येन
भवान्तरे किं फलं भवतीति प्रतिपादयति
तेण णरा व तिरिच्छा देविं वा माणुसिं गदिं पप्पा
विहविस्सरियेहिं सया संपुण्णमणोरहा होंति ।।।।
१६०प्रवचनसार[ भगवानश्रीकुंदकुंद-
स्वयं धर्म होकर, समस्त विघ्नोंका नाश हो जानेसे सदा निष्कंप ही रहता है अधिक विस्तारसे
बस हो ! जयवंत वर्तो स्याद्वादमुद्रित जैनेन्द्र शब्दब्रह्म; जयवंत वर्तो शब्दब्रह्ममूलक
आत्मतत्त्वोपलब्धिकि जिसके प्रसादसे, अनादि संसारसे बंधी हुई मोहग्रंथि तत्काल ही छूट
गई है; और जयवंत वर्तो परम वीतरागचारित्रस्वरूप शुद्धोपयोग कि जिसके प्रसादसे यह आत्मा
स्वयमेव धर्म हुआ है
।।९२।।
[अब श्लोक द्वारा ज्ञानतत्त्व -प्रज्ञापन अधिकारकी पूर्णाहुति की जाती है ]
अर्थ :इसप्रकार शुद्धोपयोगको प्राप्त करके आत्मा स्वयं धर्म होता हुआ अर्थात्
स्वयं धर्मरूप परिणमित होता हुआ नित्य आनन्दके प्रसारसे सरस (अर्थात् जो शाश्वत आनन्दके
प्रसारसे रसयुक्त) ऐसे ज्ञानतत्त्वमें लीन होकर, अत्यन्त अविचलताके कारण, दैदीप्यमान
ज्योतिमय और सहजरूपसे विलसित (-स्वभावसे ही प्रकाशित) रत्नदीपककी निष्कंप-
प्रकाशमय शोभाको पाता है
(अर्थात् रत्नदीपककी भाँति स्वभावसे ही निष्कंपतया अत्यन्त
प्रकाशित होताजानतारहता है)
१. स्याद्वादमुद्रित जैनेन्द्र शब्दब्रह्म = स्याद्वादकी छापवाला जिनेन्द्रका द्रव्यश्रुत
२. शब्दब्रह्ममूलक = शब्दब्रह्म जिसका मूल कारण है