विषय
सम्यग्द्रष्टि तीर्थंकर पण थाय छे ...... ३९--- ११२ सम्यग्दर्शनथी मोक्षनी प्राप्ति .......... ४०--- ११३ सम्यक्त्वना महिमानो उपसंहार ..... ४१--- ११५
परिग्रहपरिमाण अणुव्रतनुं लक्षण .... ६१ --- १६४
परिग्रहपरिणाम अणुव्रतना
सम्यग्ज्ञाननुं स्वरूप (लक्षण).......... ४२--- ११८ प्रथमानुयोगनुं स्वरूप ................... ४३--- १२२
१. मातंग (चांडाल)नी कथा ............ १७०
२. धनदेव शेठनी कथा ................... १७३
४. नीली कथा ............................. १७४
५. जयकुमारनी कथा ..................... १७७
करणानुयोगनुं स्वरूप ................... ४४--- १२५
चरणानुयोगनुं स्वरूप................... ४५--- १२८
द्रव्यानुयोगनुं स्वरूप .................... ४६ --- १३० द्रव्यानुयोगनुं प्रयोजन ........................... १३१
१. धनश्रीनी कथा......................... १८०
२. सत्यघोषनी कथा...................... १८१
३. तापसनी कथा ......................... १८५
४. यमदंडनी कथा ........................ १९०
५. श्मश्रुनवनीतनी कथा ................. १९१
चारित्र कोण धारण करे छे? .......... ४७--- १३३ राग-द्वेषनी निवृत्तिथी
चारित्रनुं लक्षण .......................... ४९--- १३८ चारित्रना भेद ........................... ५०--- १४० विकलचारित्रना भेद .................... ५१--- १४१ अणुव्रतनुं स्वरूप ........................ ५२--- १४२ अहिंसाणुव्रतनुं लक्षण .................. ५३--- १४५
गुणव्रतोनां नाम ......................... ६७ --- १९५
दिग्व्रतनुं स्वरूप ......................... ६८ --- १९६
दिग्व्रतनी मर्यादाओ .................... ६९ --- १९७
मर्यादा बहार अणुव्रतने
अहिंसाणुव्रतना अतिचार .............. ५४--- १५२ सत्याणुव्रतनुं लक्षण ..................... ५५--- १५४ सत्याणुव्रतना अतिचारो................ ५६ --- १५६ अचौर्याणुव्रतनुं लक्षण .................. ५७--- १५८ अचौर्याणुव्रतना अतिचार .............. ५८--- १६० ब्रह्मचर्याणुव्रतनुं लक्षण ................. ५९--- १६२
दिग्विरति व्रतना अतिचार ............ ७३--- २०३
अनर्थदंडव्रतनुं स्वरूप ................... ७४--- २०४
अनर्थदंडना भेद ......................... ७५--- २०६