Ratnakarand Shravakachar-Gujarati (Devanagari transliteration). AnukramaNikA.

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अनुक्रमणिका
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विषय

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पहेलो अधिाकार

मंगलाचरण .............................. १--------- २ प्रतिज्ञा .................................... २--------- ५ धर्मनुं लक्षण ............................. ३--------- ७ सम्यग्दर्शननुं लक्षण .................... ४------- १० आप्तनुं लक्षण ........................... ५------- १३ वीतराग लक्षण .......................... ६ ------- १५ आप्तवाचक नामो या

हितोपदेशीनुं स्वरूप ............. ७------- २४

वीतरागी देवने उपदेश देवानी

सत्यार्थ आगमनुं लक्षण................ ९------- २८ सत्यार्थ गुरुनुं लक्षण ................... १०----- ३० निःशंकितत्व अंग (गुण)नुं लक्षण .... ११----- ३२ निःकांक्षित गुणनुं लक्षण ............... १२----- ३७ निर्विचिकित्सता गुणनुं लक्षण .......... १३----- ४० अमूढद्रष्टित्व गुणनुं लक्षण ............ १४----- ४२ उपगूहन गुणनुं लक्षण ................. १५----- ४४ स्थितिकरण गुणनुं लक्षण .............. १६ ----- ४६ वात्सल्य गुणनुं लक्षण .................. १७----- ४७ प्रभावना गुणनुं लक्षण ................. १८----- ४८ आठ गुणोमां प्रसिद्ध