Samaysar-Gujarati (Devanagari transliteration). Kalash: 75-77.

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समयसार
[ भगवानश्रीकुंदकुंद-
(उपजाति)
एकस्य भोक्ता न तथा परस्य
चिति द्वयोर्द्वाविति पक्षपातौ
यस्तत्त्ववेदी च्युतपक्षपात-
स्तस्यास्ति नित्यं खलु चिच्चिदेव
।।७५।।
(उपजाति)
एकस्य जीवो न तथा परस्य
चिति द्वयोर्द्वाविति पक्षपातौ
यस्तत्त्ववेदी च्युतपक्षपात-
स्तस्यास्ति नित्यं खलु चिच्चिदेव
।।७६।।
(उपजाति)
एकस्य सूक्ष्मो न तथा परस्य
चिति द्वयोर्द्वाविति पक्षपातौ
यस्तत्त्ववेदी च्युतपक्षपात-
स्तस्यास्ति नित्यं खलु चिच्चिदेव
।।७७।।

श्लोकार्थः[ भोक्ता ] जीव भोक्ता छे [ एकस्य ] एवो एक नयनो पक्ष छे अने [ न तथा ] जीव भोक्ता नथी [ परस्य ] एवो बीजा नयनो पक्ष छे; [ इति ] आम [ चिति ] चित्स्वरूप जीव विषे [ द्वयोः ] बे नयोना [ द्वौ पक्षपातौ ] बे पक्षपात छे. [ यः तत्त्ववेदी च्युतपक्षपातः ] जे तत्त्ववेदी पक्षपातरहित छे [ तस्य ] तेने [ नित्यं ] निरंतर [ चित् ] चित्स्वरूप जीव [ खलु चित् एव अस्ति ] चित्स्वरूप ज छे. ७५.

श्लोकार्थः[ जीवः ] जीव जीव छे [ एकस्य ] एवो एक नयनो पक्ष छे अने [ न तथा ] जीव जीव नथी [ परस्य ] एवो बीजा नयनो पक्ष छे; [ इति ] आम [ चिति ] चित्स्वरूप जीव विषे [ द्वयोः ] बे नयोना [ द्वौ पक्षपातौ ] बे पक्षपात छे. [ यः तत्त्ववेदी च्युतपक्षपातः ] जे तत्त्ववेदी पक्षपातरहित छे [ तस्य ] तेने [ नित्यं ] निरंतर [ चित् ] चित्स्वरूप जीव [ खलु चित् एव अस्ति ] चित्स्वरूप ज छे. ७६.

श्लोकार्थः[ सूक्ष्मः ] जीव सूक्ष्म छे [ एकस्य ] एवो एक नयनो पक्ष छे अने [ न तथा ] जीव सूक्ष्म नथी [ परस्य ] एवो बीजा नयनो पक्ष छे; [ इति ] आम [ चिति ] चित्स्वरूप जीव विषे [ द्वयोः ] बे नयोना [ द्वौ पक्षपातौ ] बे पक्षपात छे. [ यः तत्त्ववेदी च्युतपक्षपातः ] जे तत्त्ववेदी पक्षपातरहित छे [ तस्य ] तेने [ नित्यं ] निरंतर [ चित् ] चित्स्वरूप जीव [ खलु

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