Samaysar (Hindi). Hindi rupAntarkAra kee orse.

< Previous Page   Next Page >


PDF/HTML Page 11 of 675

 

background image
हिन्दी रूपान्तरकारकी ओरसे
मैं इसे अपना परम सौभाग्य मानता हूँ कि मुझे इस युगके महान आध्यात्मिक संत
श्री कानजीस्वामीके सान्निध्यका सुयोग प्राप्त हुआ, और उनके प्रवचनोंको सुनने एवं उन्हें
राष्ट्रभाषा-हिन्दीमें अनूदित करनेका सौभाग्य प्राप्त हुआ है
उन अनूदित ग्रन्थोंमेंसे ‘समयसार
प्रवचनादि’ पहले प्रकाशित हो चुके हैं पूज्य कानजीस्वामीके सान्निध्यमें रहकर अनेक विद्वानोंने
कई आध्यात्मिक ग्रन्थोंकी रचना की है, अनुवाद किये हैं और सम्पादन किया है उन
विद्वानोंमें श्री हिम्मतलाल शाह तथा श्री रामजीभाई दोशी आदि प्रमुख हैं
उपरोक्त विद्वानोंके द्वारा गुजराती भाषामें अनूदित, सम्पादित एवं लिखित अनेक ग्रन्थोंका
हिन्दी भाषान्तर करनेका मुझे सुयोग मिला है, जिनमें प्रवचनसार, मोक्षशास्त्र और यह समयसार
ग्रन्थ भी हैं
अध्यात्मप्रेमी भाई श्री कुं० नेमीचन्दजी पाटनीकी प्रेरणा इस सुकार्यमें विशेष
साधक सिद्ध हुई है प्रत्येक गाथाका गुजरातीसे हिन्दी पद्यानुवाद उन्होंने किया है मैंने गुजराती
अन्वयार्थ, टीका और भावार्थका हिन्दी रूपान्तर किया है यद्यपि इस कार्यमें सम्पूर्ण सावधानी
रखी गई है, तथापि यदि कोई दोष रह गये हों तो विशेषज्ञ मुझे क्षमा करें
जैनेन्द्र प्रेस
ललितपुर
परमेष्ठीदास जैन
सम्पादक ‘‘वीर’’
[९ ]