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अर्थः – जीव सूक्ष्म छे एवो एक नयनो पक्ष छे अने जीव सूक्ष्म नथी एवो बीजा नयनो पक्ष छे; आम चित्स्वरूप जीव विषे बे नयोना बे पक्षपात छे. जे तत्त्व - वेदी पक्षपातरहित छे तेने निरन्तर चित्स्वरूप जीव चित्स्वरूप ज छे. ३२ – ७७.
चिति द्वयोर्द्वाविति पक्षपातौ ।
स्तस्यास्ति नित्यं खलु चिच्चिदेव ।।३३-७८।।
अर्थः — जीव हेतु (कारण) छे एवो एक नयनो पक्ष छे अने जीव हेतु (कारण) नथी एवो बीजा नयनो पक्ष छे; आम चित्स्वरूप जीव विषे बे नयोना बे पक्षपात छे. जे तत्त्ववेदी पक्षपातरहित छे तेने निरन्तर चित्स्वरूप जीव चित्स्वरूप ज छे. ३३ – ७८.
चिति द्वयोर्द्वाविति पक्षपातौ ।
स्तस्यास्ति नित्यं खलु चिच्चिदेव ।।३४-७९।।
अर्थः — जीव कार्य छे एवो एक नयनो पक्ष छे अने जीव कार्य नथी एवो बीजा नयनो पक्ष छे; आम चित्स्वरूप जीव विषे बे नयोना बे पक्षपात छे. जे तत्त्व - वेदी पक्षपातरहित छे तेने निरन्तर चित्स्वरूप जीव चित्स्वरूप ज छे. ३४ – ७९.
चिति द्वयोर्द्वाविति पक्षपातौ ।