Samyak Darshan Part 7 8-Gujarati (Devanagari transliteration). Gurudev Arpan.

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ॐ आशीर्वाद
पू. श्री कहानगुरुए ४० वर्ष पहेलां लेखित
‘आशीर्वाद’ आप्या हता...स्वहस्ते लखेला आशीर्वाद
जीवनमां तेओश्रीए ब्र. हरिभाईने ज आपेला छे... अने
परम प्रसन्नता साथे ते सफळ थया छे. – धन्य गुरुउपकार.
सम्यक्दर्शन श्रेष्ठ छे त्रण जगतनी मांय,
सर्व प्रकार उद्यम वडे सेवो ए सुखदाय.
सम्यक् – रत्न उपासवा धर्मात्मानो संग,
आराधन करतां अहो! लागे आतम रंग.
चैतन्य – रत्न ज सार छे श्रुतसमुद्र मोझार,
आनंदथी अनुभव करी शीघ्र लहो भवपार.
श्री गुरुओना प्रसादथी प्राप्त सम्यक्त्वना भावोने
आ पुस्तकरुपे गूंथीने साधर्मी जनोना हाथमां
प्रसन्नतापूर्वक अर्पण करुं छुं.
(अषाड वद : ७) – हरि