आत्माने साधवानो साचो उत्साह क्यारे आवे
भगवान ऋषभदेवनी आत्मकथा तथा रंगीन चित्र..... .................. ४
एक सम्यग्द्रष्टि सिंहनी आत्मकथा तथा रंगीनचित्र..... ................. ७
सम्यग्द्रष्टि गजराजनी आत्मकथा ........................................... ११
बधा आत्मामां प्रभुता छे (राजकोट जेलमां प्रवचन)... .............. १६
स्वानुभवनी भावना (साधकनुं सौन्दर्य)..... .............................. १९
जिज्ञासुने आमंत्रण.....चैतन्यनगरी तरफ पांच पगलां..... ..... २१-२२
गृहस्थने आत्मदर्शन (प्रवचन : योगसार दोहा १८).................. २९
शार्दूलबच्चाने जगाडवा सिद्धपणाना सिंहनाद..... ............. ३४ – ३५
वीतरागी संतो बोलावे छे.....(१० बोल)................................ ५५
हे जीव! तुं मरणियो था..... ............................................... ५७
देव – शास्त्र – गुरुप्रत्ये भक्तिभावना..... ............................... ६५
बळवान ‘उपयोग’ आत्माने साधे छे.....राग नहि.... ................. ६८
त्रण प्रकारना ‘शुभ उपयोग’ तेमां सातिशयता..... ..................... ६८
स्वानुभव : तेनो काळ : तेनी ओळखाण..... ............................ ७३
‘तने चेतनवस्तु बतावुं छुं’..... ............................................. ७६
अरिहंतदेवना दर्शन करतां................................................... ७९
स्व – परनां विभाग वडे शुद्धात्मानी उपलब्धि..... .................... ८२