Shri Jinendra Bhajan Mala-Gujarati (Devanagari transliteration).

< Previous Page   Next Page >


Page 33 of 208
PDF/HTML Page 43 of 218

 

background image
भजनमाळा ][ ३३
श्री महावीर जिन स्तवन
एक छोटी सी तमन्ना ले तेरे दरबार में,
वीर जिन आया है बंदा यह तेरे दरबार में;
आज में महावीरजी....आया तेरे दरबार में,
साथ ही में भक्ति लेकर आया तेरे दरबार में.
लाखों मुखसे सुन चुका हूं तूने लाखोंकी सुनी,
आज का अवसर है मेरा यह तेरे दरबार में. (४) एक.
आपका सुमरन किया जब मानतुंगाचार्यने,
खुल गई थी बेडियां झट उनकी कारागार में. (४) एक.
बन गया शूली से सिंहासन सुदर्शन के लिये,
हो रहा गुणगान अब उस शेठ का संसार में. (४) एक.
भा रही थी भावना आहार देने के लिये,
बेडी तूटी चंदनाकी आप के दरशन से. (४) एक.
राज्य की नहि चाह मुझे चाह नहीं संसारकी,
ध्यान-आसन की जगह दे दे तेरे दरबार में. (४) एक.
दूर हो इस जग के सारे झंझटें मुझसे प्रभु,
शिवरमा ‘सौभाग्य’ वरलूं यह तेरे दरबार में. (४) एक.