Shri Jinendra Stavan Mala-Gujarati (Devanagari transliteration).

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स्तवनमाळा ][ ९१
चार तीर्थ ध्वनिरसे तरबोळ थया रे,
गणधरमुनिश्रावकना थया वृंद.....आज.
आत्म आनंदमां नाची ऊठ्या आज.....आज.
साक्षात् जिनेन्द्र भरतमां बिराजता रे;
त्रिलोकीनाथ भरतमां बिराजता रे,
ए दिवस ऊग्यो छे आज.....आज.
धन्य धन्य ते दिन रात.....आज.
वीरपुत्र एवा कहानगुरु पाकीया रे,
जेणे सुणाव्या ॐना स्वरूप.....आज.
अद्भुत रचना कहानगुरुए रे,
खोल्या दिव्यध्वनिनां रहस्य.....आज.
देव गुरुनी सेवा हृदये वसो रे,
वसो वसो प्रभु ए त्रिकाळ.....आज.
श्री गुरुदेवस्तवन
(भेटे झूले छे तलवारराग)
वैशाख सुद बीजने वार, उजमबा घेर कहान पधार्या.
गर्ज्या दुंदुभिना नाद उमरा४ळा गामे कहान पधार्या.
न माय आनंद कुटुंबीजन हैये, भाग्यवान मोतीचंदभाई
कहान कुंवरनो जन्म ज थातां गंधोदक वृष्टि थाय....उ.
कहान कुंवरनो जन्म ज थातां,
मनवांछित कुदरत थाय....उजमबा,