Shri Jinendra Stavan Mala-Gujarati (Devanagari transliteration).

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९४ ][ श्री जिनेन्द्र
श्री वीर जिनेन्द्र जनमीया रे लाल,
त्रण भुवननो नाथ छे रे लाल...जन्म.
उग्र तपश्चर्या आदरी रे लाल,
लवलीन थया चिदात्ममां रे लाल...जन्म.
केवळज्ञान प्रगटावीया रे लाल,
अनंतगुणो मांही झूलता रे लाल...जन्म.
दिव्य रचनाए दिव्यध्वनि छूटी रे लाल,
अनंत आतम तर्या सामटा रे लाल,
धन्य अवतार वीर नाथनो रे लाल.
दीसे वृद्धिकाळ तुज शासने रे लाल,
प्रभु प्रगट्या छे कहान पुत्र ताहरा रे लाल,
धन्य अवतार गुरुराजनो रे लाल.
जेणे हलाव्या आखा हिंदने रे लाल,
सत् धर्मना दरिया वहावीया रे लाल...धन्य.
श्रुतसागर उछाळ्या गुरु अंतरे रे लाल,
अद्वितीय अवतार भरतखंडमां रे लाल...धन्य.
शासनवृद्धि दिन आजनो रे लाल,
वधतां देखुं गुरुदेवने रे लाल...धन्य.
आज मंगळ दिन अहो ऊगीयो रे लाल,
गुरुदेवना चिदातमे मंगळ थया रे लाल...धन्य.
वंदन करुं छुं तुज चरणमां रे लाल,
सेवकने शरणमां राखजो रे लाल...धन्य.