Shri Jinendra Stavan Mala-Gujarati (Devanagari transliteration).

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९८ ][ श्री जिनेन्द्र
देवगुरुनी समीपता पामशुं रे लाल,
जेथी पूर्णानंदने पामशुं रे लाल.
धन्य दिवस चिद्धर्मना रे लाल.
श्री कुंदकुंदाचार्यस्तवन
(आदि जिणंदजी सोहामणा रे लालराग)
मंगळ दिन आज ऊगीयो रे लाल,
कुंददेव आचार्यपद पामीया रे लाल.
आचार्यपद सोहामणा रे लाल.
कुंदकुंद आचार्य जागीया रे लाल,
भरतक्षेत्रना भाग्यथी रे लाल...आचार्य.
प्रमत्त अप्रमत्ते झूलतां रे लाल;
अविहड अबधूत योगी छो रे लाल...आचार्य.
देहधारी छतां देहातीत छो रे लाल,
ॠद्धि लब्धिनो नहि पार छे रे लाल...आचार्य.
अनेकांत ज्ञान बळवान छे रे लाल,
श्रुतकेवळीनी साख छे रे लाल...आचार्य.
आज आचार्यपदे मुनि कुंदने रे लाल
इन्द्रो नरेन्द्रो स्थापता रे लाल...आचार्य.
देवेन्द्रगण आज आवीया रे लाल,
मनुष्यगण अपार छे रे लाल...आचार्य.
कुंदकुंददेव अद्भुत छे रे लाल,
चौदिशमां वाजां वागीया रे लाल...आचार्य.