Shri Jinendra Stavan Mala-Gujarati (Devanagari transliteration).

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१०० ][ श्री जिनेन्द्र
समवसरण विदेहमां लाल,
ए द्रश्य भरतमां देखीयुं रे लालसमवसरण.
समोसरण साक्षात् जाणे देखीया रे लाल,
सीमंधरनाथ ज्यां बिराजता रे लालसमवसरण.
जिनभूमि संयुक्त जिन वंदना रे लाल,
वनभूमि संयुक्त जिन वंदना रे लालसमवसरण.
ध्वजभूमि संयुक्त जिन वंदना रे लाल,
अष्टभूमि संयुक्त जिन वंदना रे लालसमवसरण.
तुज पासे शोभा मळी सामटी रे लाल,
सर्व वस्तु जगतनी तुजने नमे रे लालसमवसरण.
वनादि भूमि अर्घ्यो वडे रे लाल,
जाणे पूजा करे जिन ताहरी रे लालसमवसरण.
दिव्य रचना अष्टभूमि तणी रे लाल,
तुं तो सर्वथी अलिप्त छे रे लालसमवसरण.
आत्मालंबे बिराजता रे लाल,
कमळ सिंहासन भिन्न छे रे लालसमवसरण.
चक्रेश सुरेश गणनाथ छो रे लाल,
त्रण भुवन आधार छो रे लालसमवसरण.
भववारिध तारण उदार छो रे लाल,
एक सहस्र वसु नाम छे रे लालसमवसरण.
अनंतगुण रत्नत्रया रे लाल,
एवा जिन विदेहमां बिराजता रे लालसमवसरण.
कुंददेव विदेहक्षेत्रे गया रे लाल,
जिन देखी विरह दुःख मेटीया रे लालसमवसरण.