Shri Jinendra Stavan Mala-Gujarati (Devanagari transliteration).

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स्तवनमाळा ][ २९
दयावान जब आप कहाते, क्यों नहीं मुझ पर दया दिखाते,
भटक रहा हूं तेरे मिलन हो, गई उमरिया बीत. प्रभुजी
इस दुनियां में कौन हमारा, झूठा नाता रिश्ता सारा,
इस जीवन में एक तुम्ही हो, मेरे सच्चे मीत. प्रभुजी
मेरे मन में ज्योत जगी है, वीर तुम्हीं से आस लगी है,
तेरे ही गाता है ‘‘पंकज’’, घर घर में संगीत. प्रभुजी
श्री जिनस्तवन
(तर्जजब तुम्हीं चले परदेश लगा कर ठेस)
यह झंडा परमादर्श, इसे सहर्ष, हे वीर उठाना,
नीचे नहीं कभी झुकाना. टेक
यह वीर केसरी बाना है, दुनियां ने इसको माना है,
कर सिंहनाद फहराना, नहीं रूकाना. नीचे०
यह प्रीत प्रेम दर्शाता है, जग जन मन को हर्षाता है,
कर्तव्य भूल पर चित्त न कभी दुखाना. नीचे०
यह जीवन ज्योति जगाता है, उन्नति के मार्ग लगाता है,
हे सत्य अहिंसा सुमन, इसे न सुखाना. नीचे०
यह स्याद्वाद गुणनायक है, ‘सौभाग्य’ शांति सुखदायक है,
निज स्वाभिमान रक्षा हित प्राण चुकाना. नीचे०