Shri Jinendra Stavan Mala-Gujarati (Devanagari transliteration).

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स्तवनमाळा ][ ३९
सकाशास तेरे लगी देन जेवा,
नमों जय हमें दीजिये पादसेवा.
लखे रूप तेरो करे शुद्धताई,
न लागे कभी ताहि कर्मादि काई;
महा शान्तिता सुख्य ही में धरेवा,
नमों जय हमें दीजिये पादसेवा.
प्रभुनामरूपी दिया जीभ द्वारे,
धरे वारि सो बाह्याभ्यंतर निहारे;
पिछाने भली भांति सो आत्ममेवा,
नमों जय हमें दीजिये पादसेवा.
न देखी कभी सो लखे मुक्तिधामा,
तहां जायके वेश पावे अरामा;
बिराजे तिहूं लोकमें जा मथेवा,
नमों जय हमें दीजिये पादसेवा.
नवावें तुम्हें लोक में माथ जेते,
करें पादपूजा भलीभांति तेते;
तिन्होंकी सदा त्रास भवकी कटेवा,
नमों जय हमें दीजिये पादसेवा.
अतः देव तुभ्यं नमस्कार कीजे,
बडाई तिहूं लोकमें पाय लीजे;
सबै जन्मकी कालिमा जो मिटावे,
नमों जय हमें दीजिये पादसेवा. ८
महालोभरूपी घटाको हवा जू,
बलीमान सुन्डाल कंठरिबा तू;