Shri Jinendra Stavan Mala-Gujarati (Devanagari transliteration).

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संकलन ‘जिनेन्द्र-स्तवनमाळा’रूपे ट्रस्ट तरफथी जे प्रकाशित थाय
छे, ते केटलाक समयथी अप्राप्य होवाथी तथा मुमुक्षु-समाजमां
तेनी मांग होवाथी तेनी आ सातमी आवृत्ति प्रकाशित करवामां
आवे छे.
श्री भगवान महावीर
निर्वाण कल्याणक दिन
वि.सं. २०६५
साहित्यप्रकाशनसमिति
श्री दि० जैन स्वाधयायमंदिर ट्रस्ट,
सोनगढ-
जेमना मुखनुं दर्शन करवाथी भक्तजनोना
नेत्रोनी चंचळता नष्ट थाय छे अने स्थिर थवानी
आदत वधे छे अर्थात् एकदम टकटकी लगावीने
जोवा लागे छे, जे मुद्रा जोवाथी केवळी भगवाननुं
स्मरण थई जाय छे, जेनी सामे सुरेन्द्रनी संपत्ति
पण तणखला समान तुच्छ भासवा लागे छे, जेना
गुणोनुं गान करवाथी हृदयमां ज्ञाननो प्रकाश थाय
छे अने जे बुद्धि मलिन हती ते पवित्र थई जाय
छे. पंडित बनारसीदासजी कहे छे के जिनराजना
प्रतिबिंबनो प्रत्यक्ष महिमा छे. जिनेन्द्रनी मूर्ति
साक्षात् जिनेन्द्र समान सुशोभित लागे छे.
श्री नाटक समयसार